मानसिक विकृति में अहम योगदान सत्ता सरकार का है आजकी राजनीति इतनी दूषित हो चुकी है जिसकी कल्पना करना बहुत ही मुश्किल है, भारत में लोग बड़ी तेजी से मानसिक रोगों का शिकार हो रहे हैं । एक रिपोर्ट के मुताबिक सैंतालीस फीसद लोग मानसिक रोगों की चपेट में हैं ।

मानसिक विकृति में अहम योगदान सत्ता सरकार का है आजकी राजनीति इतनी दूषित हो चुकी है जिसकी कल्पना करना बहुत ही मुश्किल है, भारत में लोग बड़ी तेजी से मानसिक रोगों का शिकार हो रहे हैं । एक रिपोर्ट के मुताबिक सैंतालीस फीसद लोग मानसिक रोगों की चपेट में हैं ।

भारतीय चिकित्सा परिषद ने 2017 में पहली बार इस पर व्यापक अध्ययन किया , तो पता चला कि 4.57 करोड़ लोग मानसिक विकार , अवसाद और 4.49 करोड़ लोग बेचैनी से पीड़ित है ।

मानसिक रोग से छुटकारा पाने के लिए परिवार का साथ होना बहुत जरूरी है । परिवार का सहयोग होने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता और नए कार्य करने में उत्सुकता होती है , जिससे व्यक्ति तनावमुक्त रहता है ।

मानसिक रोगों के कई कारण हैं । एकल परिवार , एक दूसरे से अपने मन की बात साझा न करना , घरेलू हिंसा , अपने आप को अलग रखना ! सामाजिक बिंदु और विचारों से अपने आपको जीवन और मृत्यु के नकारात्मक बिंदु के बीच अपने आप को अलग महसूस करना , यह सब नकारात्मक विचार आदि है ।

इससे निजात पाने के लिए व्यक्ति को परिवार , रिश्तेदार और समाज से जुड़ा रहना चाहिए । इसके साथ राजनीति माहौल शांत व खुशनुमा होना चाहिए आज के माहौल राजनीतिक पार्टी अपने हित साधने के लिए लोगों के दिमाग में जहर घोलने का कार्य कर रही है जब व्यक्ति का मस्तिष्क विचारों से स्वास्थ्य नही होगा तो वह समाज व खुद को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधि में लिप्त होकर गलत कार्यों को अंजाम देने का कार्य करता है ,


इन समश्याओ के समाधान हेतु सरकार को स्वास्थ, शिक्षा, जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ रोज़गार बढाने के कार्य करने चाहिए जिससे एक स्वास्थ समाज का निर्माण हो सके लेकिन ये सब अगर सरकार ने कर दिया तो उनकी राजनीति भी तो खतरे में पड़ जाएगी और ये सब सरकार करने से रही।


ताराचन्द जाटव

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