बड़गांव विधायक जिग्नेश मेवाणी गुजरात के कच्छ जिले की रापर तहसील के वरनु गांव के मंदिर में दलितों के अधिकारों हेतु गर्भ गृह में किया प्रवेश।

यह उन लोगों के मुह पर तमाचा है जो अपनी जाति से अपने आपको श्रेष्ठ समझते हैं उनकी मानसिकता पर कड़ा प्रहार है वैसे मंदिरों में जाने से कोई लाभ तो नही होगा लेकिन जब से देश संविधान अपने स्वरूप में आया है संविधान के तहत भारतीय नागरिकों को देश के हर साधन संसाधन में बराबरी का हिस्सेदारी है किसी को जाति विशेष का होने से उसे उसके अधिकारों से वंचित नही किया जा सकता है

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